Principal
प्राचार्य
यहाँ के जिज्ञासु विद्यार्थी के रूप में आप सभी ऐसी संस्था से सम्बद्ध हो रहे हैं जो स्वस्थ सुसंस्कृत सच्चरित्र युवा मानस के सर्वांगीण विकास की कार्यशाला है। यह संस्थान सभी छात्र-छात्राओं के समग्र विकास हेतु तत्पर एवं प्रतिबद्ध है। महाविद्यालय पुस्तकीय जान के अतिरिक्त नैतिक मूल्यों उच्च मानवीय आदर्शा तथा राष्ट्रीय विकास के अनुरूप शिक्षा] स्वास्थ्य एवं संस्कार संवर्द्धन का उत्कृष्ट परिवेश है। छात्र एवं छात्राओं को यहां पर भारतीय आदर्शा एवं नैतिक जीवन मूल्यों की शिक्षा प्रदान की जाती है। महाविद्यालय में स्तरीय स्वाध्याय हेतु पुस्तकालय एवं अध्ययन हेतु सुयोग्य एवं अनुभवी प्राध्यापक उपलब्ध है। सभी छात्र/छात्राऐ इन सुविधाओ के अधिकाधिक उपयोग से अपना भविष्य उज्ज्वल बनायें ऐसी मेरी शुभकामना है। सूर्य अत्यन्त तेजवान, अन्धकार को दूर करने वाला एवं ऊष्मा प्रदान करने वाला होता है. परन्तु अज्ञान रूपी अन्धकार को सैकडो सूर्य एक साथ मिलकर भी दूर नहीं कर सकते। शिक्षक ज्ञान रूपी अमृत से परिपूर्ण उस कलश के समान है, जो जानामृत प्रदान करने के बाद भी कभी रिक्त नहीं होता है।
शिक्षक ज्ञान का प्रदाता है। शिक्षक की महत्ता अपार है। अज्ञान रूपी अन्धकार को अपनी शिक्षा उपदेश अथवा ज्ञान के द्वारा दूर करने के कारण ही ऋषियों ने उसकी प्रशंसा की है।
महाविद्यालय में छात्र एवं छात्राओं के सर्वांगीण विकास हेतु उन्हें पाठ्यक्रमानुसार शिक्षित करने के साथ-साथ पाठ्येतर क्रिया-कलापों एवं अपने सामाजिक दायित्वों के प्रति जागरूक करने के लिए एनसीसी (आर्मी नवल) एवं विभागीय परिषदों के माध्यम से वर्तमान में स्वच्छता जल संरक्षण पर्यावरण संरक्षण एवं सांस्कृतिक कार्यक्रमों के प्रति जागरुक करने के लिए विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किये जाते है। जिसके फलस्वरूप छात्र एवं छात्राओं का ज्ञान संवर्द्धन होता है।
यह महाविद्यालय भावी राष्ट्र निर्माण के विभिन्न सक्षम युवाओं का विकास करने के लिए संकल्पित है। भारत एक युवा राष्ट्र है। ऐसी स्थिति में यदि युवा शिक्षा और ज्ञान के से परिपर्ण होगा और अपने सामाजिक उत्तरदायित्वों के प्रति सजग होगा, तो भारत स्वतः विकास के पथ पर अग्रसर हो जायेगा। हमारे संस्थान का यही प्रयास है कि इस क्षेत्र में हम अपना श्रेष्ठतम योगदान दे सकें। इन्ही अपेक्षाओं को पूरा करने के लए हमारा महाविद्यालय परिवार निरन्तर प्रयासरत है।